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Showing posts from March, 2016

आत्माचेतना

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मोहिनी मुंबई मे रहती है.  वो एक multinational कंपनी मे काम करती है उसके दो बेटे है , 16 (आदिल) और 18 (अनुराग) बर्स के और उसका पति सरकारी office मे कार्यरत है. उसकी लाइफ सुबह ६बजे से शुरू होती है और रात को १० बजे तक वो घड़ी के तरह  भागती रहती है. उसके पास अपने लिए कुछ टाइम ही नही होता है. पति, घर ,बच्चे ,रिस्तेदार और ऑफीस बस इनकी ही सेवा मे दिन रात लगी रहती थी. लेकिन एक दिन जब वो ऑफीस से आ रही थी, उसके साथ एक accident हो जाता है, उसके आगे चल रही दो गाडियो का बहुत भयाभय crash हो जाता है , मोहिनी अपनी कार का ज़ोर से ब्रेक लगती है और किसी तरह अपनी को एकदम उन दोनो गाडियो के पास जाकर रोक लेती है लेकिन वो अपनी मौत को अपनी आँखो के सामने देख कर घबरा जाती है, उसे यकीन ही नही हो रहा था की वो बच गयी है ऐसा लग रहा था की जैसे वो एक बहुत गहरे सपने से जाग गयी हो. उसकी कार के आगे पड़े खून से लथपथ शरीरो को वो अपनी कार मे बैठ कर देख रही थी और अपनी ज़ीवन की सारी story उसके दिमाग़ मे flashback हो रही थी, किसी तरह पुलिस के आने के बाद वो वहा से निकल कर अपने घर आ जाती है, नहाने के बाद अपने कमरे मे बैठी थी त

पहला प्यार - आगे की कहानी

पहला प्यार - आगे  की कहानी ६ साल बीत गये------------------- स्वाती ने अपनी Engineering  की पढ़ाई पूरी कर ली थी और एक multinational company मे काम करने लगी थी.  वो Delhi मे अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ गर्ल्स होस्टल मे रहती थी. वो शायद अमित को भूल सी गयी थी , पढ़ाई और बिज़ी रुटीन के कारण अमित की यादे कुछ धुँधला सी गयी थी. एक उसकी friend किसी concert  मे जाने के लिए tickets लाती है और उसको भी जबारजस्ति ले जाती. कॉन्सर्ट के गेट पर सब लोग लाइन लगाए थे, अंदर जाने के लिए, स्वाती भी अपनी दोस्तो के साथ खड़ी थी; तभी वहा कॉन्सर्ट का famous singer आता है और बीच मे बिछे रेड कार्पेट पर ,अपनी कार से उतरता है. वहा लोग उसे देखने के लिए आगे पीछे भागने लग जाते है. ईसी भागा दौड़ी मे स्वाती को कोई धक्का देता है और वो आगे की तरफ गिर जाती है और उसका मोबाइल सिंगर के पैरो के पास गिर जाता है. वो उसे उठती है और सीधे खड़ी होती है, तो उसे सिंगर को अपने पास खड़े पाती है; वो दोनो एक दूसरे को कुछ देर देखते रह जाते है, ऐसा लगता है की शायद वक्त थम सा गया है और सब लोग अचानक से गायब हो गये हो, वो अमित था, लेकिन दाढ़ी ह

पहला प्यार

                                                         पहला प्यार स्वाती एक बहुत ही सीधी , सादी नादान सी लड़की थी . बड़ी बड़ी आँखे और मासूम सा चेहरा;     वो भी जवानी की उस दहलीज़ पर कदम रख चुकी थी , जॅहा लड़को से बात करने मे   डर भी लगता   था और खुशी भी मिलती थी / वो पहली बार अपने मम्मी पापा के बिना ट्रेन मे सफ़र कर रही थी . स्वाती अपनी बचपन की सहेली सीमा के घर उसकी बहन की शादी मे जा रही थी .  सीमा और स्वाती बहुत ही पक्के दोस्त थी . स्वाती के पापा का कानपुर transfer होने की वजह से वो   अलीगढ़ को छोड़ कर चली गयी थी . सीमा के घर मे भी स्वाती को सब   बहुत पसंद करते थे . स्वाती सीमा से मिलने के लिए बहुत ही बेताब थी और मम्मी - पापा की नज़ारो की scanning के बिना 5 दिन सीमा के साथ बिताने की भी खुशी उसके चहरे पर झलक रही थी .       स्वाती जब सीमा के घर   पहुची तो सीमा ने उसे गले लगा लिया और घर मे आए सभी अपनी उमर की cousins  मे मिला