आत्माचेतना

मोहिनी मुंबई मे रहती है. वो एक multinational कंपनी मे काम करती है उसके दो बेटे है , 16 (आदिल) और 18 (अनुराग) बर्स के और उसका पति सरकारी office मे कार्यरत है. उसकी लाइफ सुबह ६बजे से शुरू होती है और रात को १० बजे तक वो घड़ी के तरह भागती रहती है. उसके पास अपने लिए कुछ टाइम ही नही होता है. पति, घर ,बच्चे ,रिस्तेदार और ऑफीस बस इनकी ही सेवा मे दिन रात लगी रहती थी. लेकिन एक दिन जब वो ऑफीस से आ रही थी, उसके साथ एक accident हो जाता है, उसके आगे चल रही दो गाडियो का बहुत भयाभय crash हो जाता है , मोहिनी अपनी कार का ज़ोर से ब्रेक लगती है और किसी तरह अपनी को एकदम उन दोनो गाडियो के पास जाकर रोक लेती है लेकिन वो अपनी मौत को अपनी आँखो के सामने देख कर घबरा जाती है, उसे यकीन ही नही हो रहा था की वो बच गयी है ऐसा लग रहा था की जैसे वो एक बहुत गहरे सपने से जाग गयी हो. उसकी कार के आगे पड़े खून से लथपथ शरीरो को वो अपनी कार मे बैठ कर देख रही थी और अपनी ज़ीवन की सारी story उसके दिमाग़ मे flashback हो रही थी, किसी तरह पुलिस के आने के बाद वो वहा से निकल कर अपने घर आ जाती है, नहाने के बाद अपने कमरे मे ...